कूलर में बर्फ रख दे तो क्या होगा आखिर ? कूलर से और ठंडी हवा लेने के उपाय


गर्मियों का मौसम आ चुका है। AC, पंखे, कूलर जिसके पास जो भी है फुल स्पीड में चल रहा है। एयर कंडीशनर की ठंडक को हम रिमोट कंट्रोल से बदल सकते हैं, पंखा हमारी किस्मत की तरह चलता है उस पर हमारा कोई कंट्रोल नहीं होता लेकिन कूलर है जिसकी हवा को ठंडा करने की कोशिश लगभग हर परिवार में होती है। कुछ इंजीनियर कूलर के टॉप टैंक में बर्फ रख देते हैं। प्रश्न यह है कि क्या ऐसा करने से कूलर सचमुच ठंडी हवा देने लगता है। आइए जानते हैं:
सबसे पहले कूलर की तकनीक को समझें
कूलर अपने आप में एक बेहतरीन टेक्नोलॉजी है। इसमें नीचे एक बड़ा सा पानी का टैंक होता है साथ ही ऊपर भी एक छोटा सा वाटर टैंक होता है। सबसे अच्छा कूलर यही माना जाता है जिसमें टॉप पर छोटा सा वाटर स्टोरेज हो। कूलर की पंखुड़ियां, छत पर लगे पंखे की तुलना में छोटी होती है परंतु मोटर पावरफुल होती है। कूलर के पंखे को चारों तरफ से एक विशेष प्रकार की घास से कवर किया जाता है। इसमें से एक-एक चीज महत्वपूर्ण है। यदि कुछ भी कम हुआ तो कूलर सही से काम नहीं करेगा।

कूलर के टॉप टैंक में बर्फ रख दें तो क्या होगा
कूलर में नीचे वाले टैंक में पानी भरा होता है। एक मोटर के जरिए वह टॉप टैंक तक जाता है। टॉप वाले वाटर टैंक में चारों तरफ छोटे-छोटे छेद होते हैं। इनके माध्यम से पानी कूलर के तीनों तरफ बनाई गई घास की दीवार पर गिरता है। इसी तकनीक के कारण आपको ठंडी हवा मिलती है। यदि आप टॉप टैंक मैं पानी की जगह बर्फ रख देंगे तो उसके पिघलने का सिलसिला तरल पानी से कम होगा। स्वभाविक है घास की दीवार जल्दी से गीली नहीं होगी और आपको ठंडी हवा मिलने में समय लगेगा।
कूलर के टॉप टैंक में फ्रिज का ठंडा पानी भर दे तो क्या होगा
जैसा कि हमने बताया कूलर को बनाने की टेक्नोलॉजी उससे निकलने वाली ठंडा हवा के लिए जिम्मेदार होती है। पानी इसके लिए सिर्फ एक उपकरण है। यदि पानी गर्म होगा तो वह घास की दीवार को नुकसान पहुंचा सकता है लेकिन यदि वह सामान्य तापमान से ज्यादा ठंडा हुआ तो सिर्फ आपको मानसिक ठंडक का एहसास होगा, हो सकता है कुछ मिन्ट्स के लिए तापमान 2 डिग्री कम हो जाए लेकिन उसके बाद कूलर की हवा वैसे ही आएगी जैसी सामान्य पानी की स्थिति में आती है। पानी के तापमान से कूलर की हवा ठंडी या गर्म नहीं होती।
कूलर की हवा को ठंडा करने के लिए क्या करें
कूलर की हवा को ठंडा करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है उसकी तकनीक को प्रॉपर काम करने दें। कूलर के अंदर पावरफुल मोटर जब छोटे-छोटे पंखों को तेजी से घुमाती है तो उसके पीछे मौजूद हवा घास की ठंडी दीवार को पार करते हुए पंखों के पास पहुंच जाती है और कूलर की पंखुड़ियां उसी हवा को तेज गति से आपके पास फेंक देतीं हैं। यहां सबसे महत्वपूर्ण है हवा का लेनदेन। पानी की भूमिका केवल घास की दीवार को ठंडा करने तक ही है।
कूलर से ठंडी हवा प्राप्त करने के टिप्स
टॉप वाले वाटर टैंक के पानी गिराने वाले छेद साफ रखें।
कूलर के तीनों तरफ बनाई गई घास की दीवार गंदी नहीं होनी चाहिए।
कूलर की घास को हर महीने बदले।
कूलर की घास घनी नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो हवा के प्रवेश में अवरोध पैदा होगा।
सबसे बड़ी बात कूलर को ऐसी जगह रखें जहां उसे पर्याप्त हवा प्राप्त हो।
याद रखें कूलर में हवा का इनपुट जैसा होगा, आउटपुट भी वैसा ही होगा।
घास की दीवार के कारण हवा ठंडी हो जाएगी लेकिन यदि कूलर में हवा का इनपुट अच्छा नहीं हुआ तो फिर सबसे अच्छी घास की दीवार और सबसे शीतल जल भी कुछ नहीं कर पाएगा।
चित्र एवं जानकारी स्रोत— भोपाल समाचार (गूगल)

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1 Comments

  1. प्रदीप जोशीApril 24, 2020 at 10:00 PM

    अच्छा बताया आपने , हमको लगा था बर्फ से ज्यादा हवा ठंडी आयेगी ����

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