आयुर्वेद में ऐसा एक सूत्र लिखा है कि शरीर को भोजन में से मिलने वाली जो शक्कर है, ये तेजी के साथ मिले और इसके बीच में कोई रुकावट न आये, ऐसी कोई चीज भोजन में मत मिलाये. अब ये बात उन्होंने साढ़े तीन हजार साल पहले कही है. आप देखिये कैसे महान लोग हमारे देश में हुए जिन्होंने साढ़े तीन हजार साल पहले ये कह रहे है कि भोजन के रूप में जो शक्कर आपको मिलने वाली है, ये तेजी के साथ आपको मिले और इसको मिलने में कोई रुकावट न आये ऐसी कोई वस्तु भोजन में मत खाइए.
आज के आधुनिक विज्ञानं के हिसाब से ढूँढना शुरू किया कि हमारे आज के भोजन में ऐसी कोण कोण सी चीजे है जो भोजन के अंदर मौजूद नेचुरल शुगर को उपयोग में आने में रुकावट डाल रही है. तो परिणाम चौका देने वाले थे.
हमारे देश में एक बहुत बड़ी लेबोरेटरी है जिसका नाम CDRI (CENTRAL DRUG RESEARCH CENTER) है. कई साइंटिस्ट से इस बारे में बात की कि आप बताइए कि हमारे भोजन में ऐसी कौन कौन सी चीजे है जो हमारे भोजन के प्राकृतिक शक्कर को शरीर के लिए उपयोग में आने से रोकती है तो सभी वैज्ञानिको ने एक स्वर से जिस वस्तु का नाम लिया था, उसका नाम चीनी है, हां वही चीनी जो आप चाय में डालते हो.
अब आप बोलेंगे फिर इसके स्थान पर क्या खाए. तो जवाब ये है कि गुड खाइए. आप बोलेंगे गुड और चीनी में क्या अंतर है. इन दोनों में बहुत अंतर है चीनी बनाने के लिए गन्ने के रस में 23 जहर (केमिकल) मिलाने पड़ते है, और ये सब वो जहर है जो शरीर के अंदर चले तो जाते है लेकिन बाहर नहीं निकल पाते. और गुड एक अकेला ऐसा है जो बिना किसी जहर के सीधे सीधे बनता है गन्ने के रस को गर्म करते जाओ, गुड बन जाता है. इसमे कुछ मिलाना नही पड़ता. ज्यादा से ज्यादा उसमे दूध मिलाते है और कुछ नही मिलाना पड़ता.
गुड से भी अच्छी एक चीज़ है जो आप खा सकते हैं उसका नाम है काकवी. अगर आपने कभी गुड बनता देखा होगा तो आपको इसका भी पता होगा. ये काकवी गुड से भी अच्छी है, गुड तो अच्छा है ही लेकिन गुड से भी अच्छी अगर कोई चीज है तो ये काकवी ही है. एक काम कीजिए काकवी को बाल्टी में भरकर रखिये ये ख़राब नहीं होती, 1 साल 2 साल आराम से रख सकते हैं. काकवी का भाव भी लगभग गुड के बराबर ही है. अब आप या तो काकवी खाइये नहीं तो गुरु खाइए. अगर आपको काकवी मिलती है तो समझ लीजिए कि आप राजा हैं, अगर काकवी ना मिलकर गुड मिल रहा है तो छोटे राजा है.
अभी तक आप यही सोच रहे होंगे कि ये काकवी क्या होता है, आपके ये भी बता देते है. काकडी का मतलब गन्ने के रस को जब हम गर्म करना शुरू करते हैं तो गरम करने के करते-करते गुड बनने से पहले और उसका रस गर्म होने के बाद एक लिक्विड बनता है उसी लिक्विड को काकवी कहते है. जहां भी गुड बनता है वहां पर काकवी जरुर मिलेगी.
आप से मेरी एक छोटी सी विनती है कि अपने घर से यह चीनी निकाल दीजिए. चीनी ने पूरी दुनिया का सत्यानाश किया है. शुगर मील वालों का भी BP हाई है. चीनी बनाना और खाना शुरू किया है, तब से शरीर की हालत ख़राब है. करोड़ों रुपए तो शुगर मिल लगाने में लगते हैं और करोड़ो गन्ने के रस को चीनी बनाने में लगते है. इससे अच्छा है बहुत सस्ते में गुड़ बनता है, प्रोसेस भी लम्बा नहीं है. बहुत सस्ते में काकवी बनती है, सीधे गुड बनाकर बेचे, काकरी बनाकर बेचे.
अब एक रोचक जानकारी आपको देता हूँ कि भारत को छोड़कर दुनिया के देशों में गुड़ और काकवी की बहुत डिमांड है. क्योकि चीनी से बनी मिठाई जल्दी ख़राब हो जाती है और उसमे क्वालिटी नहीं होती, लेकिन गुड से बनी मिठाई कई महीनो तक ख़राब नहीं होती और बेस्ट क्वालिटी होती है. आपको सुनकर आश्चर्य है गाँव में गुड का भाव 20-30 रूपये किलो होता है. लेकिन इजराइल में गुड का भाव 170 रुपए किलो है, इजराइल एक छोटा सा देश है, अगर आप गुड वहा बेचना चाहेंगे तो 170 रुपए किलो बिकता है. जर्मनी में गुड़ का भाव 210 रुपए किलो है, कनाडा में भारत के रुपए के हिसाब से गुड का भाव 330 रुपए किलो है. इन सभी देशों में गुड भी बहुत मांग है.ये चीनी वहा सस्ती है. क्योंकि उनको मालूम है यह शक्कर जहर है और गुड़ अमृत है.
गुड और शक्कर का हमेशा एक ही बात याद रखिए कुछ याद रख पाए या ना रख पाए. अगर शक्कर को अपने खाया तो उसको पचाना पड़ता है और इसमे इतने हानिकारक तत्व है कि आसानी से पचते नहीं है. और अगर आपने गुड खाया तो गुड की इतनी बेहतरीन क्वालिटी है कि जो कुछ गुड के साथ आपने खाया है, उसको गुड पचा देता है. शक्कर को पचाना पड़ता है उसमे 6-7 घन्टे लगते है और गुड जो कुछ भी खाओ उसको मात्र 4 घंटे 4० मिनट में पचा देता है. इसलिए भोजन के साथ गुड जरुर खाइए और शक्कर बिलकुल मत खाइए
अगर आप इस सूत्र का पालन कर ले तो डायबटीज, आर्थराइटिस, अस्थमा, ओस्तिमालिसिस जैसी 148 गंभीर बीमारिया आपकी जिंदगी में झाँकने भी नही आयेगी. आप अपनी जिंदगी में से ये चीनी को निकाल दे चीनी क्यूंकि हम जो प्राकृतिक शक्कर फल में से या और दूसरी वस्तुओं में से ले रहे है, ये चीनी उनके रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट है.
आप एक बात याद रखिये अगर घृणा करने की कोई वस्तु है जिससे सबसे ज्यादा नफरत करनी है तो वो इस चीनी से करिए. गुड खाइए काकवी खाईये.
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