क्या साबूदाना नवरात्रों में खा सकते है ? साबूदाना मांसाहारी है क्या ??



अब यह शाकाहारी है या मांसाहारी इसके लिए साबूदाने की उत्पादन विधि देखते है।

  • सैगो पाम/कसावा की जड़ो को काट कर अलग किया जाता है। फिर इसे पानी से साफ़ किया जाता है।
  • साफ़ जड़ों/कंद को पीलिंग मशीन में डाला जाता है जहाँ इसके छिलके उतरते है। बाद में धोया और उबाला जाता है।
  • छिले हुए जड़ों/कंद को फिर से साफ़ किया जाता है और छोटे छोटे टुकड़ों में कटा जाता है। एक मिक्सर जैसे क्रशिंग मशीन में डाला जाता है और पानी के साथ, टुकड़ों को पीस कर पेस्ट तैयार किया जाता है जिसे टैपियाका बोलते है।
  • इस पेस्ट से दूध और गुदा अलग किया जाता है, जैसे बाजार में जूस निकालने वाला गन्ने का जूस निकाल कर छान लेता है।
  • इस दूध को कुछ देर स्थिर छोड़ दिया जाता है जिससे दूध में मौजूद अतिरिक्त पानी उपर आ जाता है और गाढ़ा हिस्सा नीचे जम जाता है।
  • इस जमे हुए दूध को मैकेनिकल ड्रायर या धुप की मदद से सुखाया जाता है और 12–15 प्रतिशत नमी को रखा जाता है।
  • जमे हुए हिस्से को मशीन में डाल कर पाउडर बनाया जाता है और फिर पाउडर को मशीन की मदद से छोटे छोटे गोलियों का आकार दिया जाता है।
  • इन गोलियों को हल्का नारियल तेल लगा कर या बिना लगाए वापस मैकेनिकल ड्रायर अथवा धुप में बड़े प्लेट्स/तवे पर सुखाया जाता है. ये जितनी अच्छी तरह से सूखते है गुणवत्ता उतनी ही अच्छी होती है।
इसमें मांसाहारी जैसा क्या है ये मेरे समझ से परे है।
मैं इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता और बस एक अफवाह है जो कुछ साल पहले फैलाई गयी, वो भी इसलिए क्योकि उबलने के बाद साबूदाने का टेक्सचर जेली जैसा हो जाता है मुझे तो यही लगता है। किसी एक तस्वीर को देख कर बोलना की इसमें कीड़े को पनपाया जाता है फिर बनाया जाता है इसका कोई मतलब नहीं बनता। कुछ केमिकल्स का इस्तेमाल हो सकता है सफाई के दौरान जो कि सभी खाद्य पदार्थों में होता ही होता है।
नवरात्री या किसी भी पूजा में चीजें इस्तेमाल करना पूर्णतः आपका निर्णय होता है क्योंकि कुछ हद तक ये आपके विश्वास पर निर्भर करता है।फल, या कोई भी खाने पीने की चीज़ को बनाने वाला, पैक करने वाला, मशीने, बेचने वाले इत्यादि के पवित्रता की समीक्षा करना मेरे आपके लिए संभव नहीं होता है और सब कुछ घर का बना हो ये भी असंभव है।
लेकिन अच्छे ब्रांड में आप इस बात को लेकर थोड़े आश्वस्त होते है की गुणवत्ता और सरकारी मापदंड पर खरे उतरने के बाद ही वेजीटेरियन का मार्क लगता है। 

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